दिल के ऑपरेशन के बाद बरती जाने वाली सावधानियां

कई हृदय रोगों को केवल चिकित्सा द्वारा ठीक नहीं किया जा सकता। लेकिन कई हृदय रोग ऐसे होते हैं, जो या तो जन्म के समय मौजूद होते हैं या उम्र के साथ या संक्रमन से हो जाते हैं जिनको ठीक करने के लिए ऑपरेशन की आवश्यकता होती है, चाहे वो हृदय-फेफड़े की मशीन की मदद से हो या उसके बिना। आपको कोरोनरी धमनी बाईपास ग्राफ्टिंग के तहत गुजरना पड़ सकता है, या वाल्व रिप्लेसमेंट, संयुक्त प्रक्रिया, दिल में छेद को बंद करवाने की प्रक्रिया, या हृदय शल्य चिकित्सा की प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है। आपके ब्रैस्ट बोन को काटकर या पसलियों के बीच ऑपरेशन करके यह किया जा सकता है।

अधिकांश लोगों को अस्पताल में,  3 से 10 दिन बिताने की आवश्यकता होती है, कुछ दिन जनरल वार्ड में और कुछ दिन आईसीयू में। जब तक आप डिस्चार्ज होने लायक होंगे, तब तक आप चलने लगेंगे और आपके जल्दी स्वस्थ होने के लिए बुनियादी अभ्यास के बारे में बताया जाएगा।

इसे ठीक होने में कम से कम 4 से 6 सप्ताह का समय लगता है। इस अवधि के दौरान, रोगी को कमजोरी, थकावट, और ऑपरेशन के स्थान पर खुजली की अनुभूति, या दर्द हो सकता है और हाथों का हिलना-डुलना जरा कम हो सकता है। साथ ही नींद में कमी भी हो सकती है। रोगी को कब्ज की शिकायत भी हो सकती है। मानसिक रूप से, रोगी अवसाद से पीड़ित हो सकता है या उसका मूड स्विंग कर सकता है। रोगी को बहुत सारी दवा लेने की आवश्यकता हो सकती है और उसके मुंह का स्वाद जा सकता है।

डिस्चार्ज के समय, आपको आपकी बीमारी, उपचार, प्राप्त होने वाली दवा इत्यादि से सम्बंधित डिस्चार्ज पेपर दिए जाएंगे, साथ ही सही भोजन और आवश्यक व्यायाम करने के बारे में बताया जाएगा। शुरूआती कुछ दिनों के दौरान आप सीढ़ियों पर चढ़ते-उतरते समय या चलते समय दूसरों की सहायता ले सकते हैं। पैदल चलना सबसे अच्छा व्यायाम है। सांस लेने में कठिनाई होने पर रुक-रुककर चलें या भरपूर आराम करें। भारी वजन उठाने से बचें, या ऐसा कोई भी व्यायाम न करें जो आपकी छाती की मांसपेशियों को तनाव देता है, या आपके दर्द का कारण बनता है। ऑपरेशन के बाद पहले के तकरीबन 6 सप्ताह के दौरान ड्राइविंग करने से बचें, क्योंकि स्टीयरिंग व्हील को घुमाने में आपको ताकत लगाना पड़ेगा जिससे आपके सीने पर भर पड़ेगा। लंबी दूरी की यात्रा से बचना चाहिए, तथा जब आप रिकवरी कर रहे हों तब यौन संबंध नहीं बनाना चाहिए। धीरे-धीरे, यौन गतिविधि फिर से शुरू की जा सकती है। किसी भी तरह के सेक्स वर्धक दवाइयों के सेवन से बचें।

घाव को हल्के साबुन से धीरे-धीरे धोना चाहिए और नहाने के लिए गुनगुने पानी का ही इस्तेमाल करना चाहिए। लंबे समय तक नहाने से बचना चाहिए। शरीर पर क्रीम, तेल और इत्र का प्रयोग न करें।  जैसा डॉक्टर और नर्स द्वारा किया जाता है वैसी ड्रेसिंग करें। यदि आपको बुखार, सूजन या ऑपरेशन की जगह पर किसी प्रकार की लालिमा या दर्द हो तो अपने डॉक्टर को सूचित करना करें। कभी-कभी, प्रारंभिक एक से दो सप्ताह में, आप छाती की हड्डी से आने वाली `क्लिक` ध्वनि सुन पाएंगे। यह आमतौर पर बाद में गायब हो जाता है। यदि छाती में लगातार कोई समस्या का अनुभव होता हो, तो अपने डॉक्टर से बात करें।

रिकवरी की अवधि के दौरान पोषण महत्वपूर्ण होता है। शुरुआती दो हफ्तों के दौरान, आप अपनी पसंद के अनुसार खाएं क्योंकि कई खाद्य पदार्थ आपको बेस्वाद लग सकते हैं। लेकिन अगर आपको मधुमेह है तो मधुमेह वाला आहार ही लें। खाने में ज्यादा नमक लेने से बचें क्योंकि यह शरीर में पानी के अत्यधिक संचय का कारण बन सकता है और उच्च रक्तचाप का भी कारण बन सकता है। कई बार, हृदय पर अधिक दबाव को रोकने के लिए तरल पदार्थों के सेवन पर प्रतिबंध लगाने की सलाह दी जाती है। बहुत सारी सब्जियां, फल, साबुत अनाज, रोटी, बिना चर्बी वाले मांस, मछली और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद खाएं। प्रोसेस्ड फूड के सेवन से बचना चाहिए। इनमें नमक और प्रीजरवेटिव की मात्रा बहुत अधिक होती है।

सामान्य तौर पर, उच्च संतृप्त वसा, नमक, और सोडियम का सेवन सीमित मात्रा में किया जाना चाहिए। वाल्व के प्रतिस्थापन के बाद, अपने चिकित्सक से बात किये बिना अलग से कैल्शियम का सेवन न करें। एंटीकोएगुलेशन ड्रग्स जैसे वारफारिन और एसिट्रोम लेने वाले मरीजों को बहुत सारे विटामिन के, लिवर, ब्रोकोली, ब्रूसल स्प्राउट्स, हरी प्याज की पत्तियां, पालक, धनिया, गोभी, हरा सरसों, केल, शलजम साग, मार्जरीन और सोयाबीन तेल जैसे खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। डॉक्टर की सलाह पर रोगियों को नियमित प्रोथ्रोम्बिन चेक-अप करने की आवश्यकता होती है।

यदि आपको दवाओं के बारे में कोई संदेह हो या नीचे बताई गई कोई भी समस्या हो रही हो तो आपको डॉक्टर से परामर्श लेनी चाहिए।

  • ऑपरेशन स्थल से दर्द, सूजन, लालिमा, खुजली, और कोई अन्य समस्या
  • बुखार, सिरदर्द, चक्कर आना या कमजोरी
  • वाल्व में या क्लिक ध्वनि में परिवर्तन या परिवर्तन यांत्रिक वाल्व प्रतिस्थापन के मामले में कोई अन्य असामान्य अनुभव
  • मूत्र या मल में रक्त
  • पीरियड्स के दौरान (महिलाओं में) बहुत ज्यादा खून का बहना या अन्य कारणों से वजाइनल ब्लीडिंग का होना
  • गंभीर चोट का लगना, लंबे समय तक नाक बहना, खांसी में खून आना, उल्टी होना
  • आपकी नाड़ी की धड़कन की दर में कोई असामान्य परिवर्तन होना, यानी यदि यह 60 से कम हो या 100 से अधिक हो
  • सांस लेने में दिक्कत होना
  • यदि आप गर्भवती हो जाती हैं या गर्भधारण करना चाहती हैं तो

रिकवरी के दौरान, नियमित रूप से दवा का सेवन और व्यायाम किया जाना चाहिए, जैसा कि सलाह दी जाती है, साथ ही फेफड़ों की फिजियोथेरेपी भी जारी रखा जाना चाहिए। रोगी को स्वस्थ आहार और प्रतिदिन उचित मात्रा में नींद का आनंद लेना चाहिए। मरीजों को किसी भी रूप में धूम्रपान या तंबाकू का सेवन बंद कर देना चाहिए, साथ ही मधुमेह और उच्च रक्तचाप को भी नियंत्रित करना चाहिए तथा अधिक वजन होने पर मोटापा कम करना चाहिए। 6 सप्ताह के स्वास्थ्य लाभ के बाद, मरीज अपने नियमित काम करना शुरू कर सकते हैं लेकिन अपने डॉक्टर की सलाह तथा उचित चेक-अप के बाद, तथा अपनी पर्याप्त देखभाल के साथ। डिस्चार्ज के बाद बच्चों को प्रतिस्पर्धी खेलों से बचाने की कोशिश करें जब तक कि डॉक्टर इसकी अनुमति न दें। परिवार के सदस्यों को रोगी का सहयोग करना चाहिए, उनका मनोबल बढ़ाना चाहिए और जल्दी ठीक होने में मदद करनी चाहिए।

डॉ परविज़ आलम, वरिष्ठ सलाहकार – कार्डियक सर्जरी – वयस्कब्रह्मानंद नारायणा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, जमशेदपुर